Saturday, 30 June 2012


एक जोरदार Good Morning और welcome के साथ उस दिन की ट्रेनिंग की शुरुवात हुई, हर चेहरा बहुत खुश लग रहा था जैसे सभी अपनी सारी मुश्किलें और परेशानियां रास्तें में छोड़कर आयें हो.
जैसा की हर ट्रेनर करता है मैंने भी सबसे पहले पिछ्ले दिन के रिविजन(Rivision) से ट्रेनिंग की शुरुवात करने की बात करी.
“तो आप सभी लोग तैयार हैं” मैंने कहा
“हाँ” एकसुर एक जोरदार आवाज आई
“आज सबसे पहले मै आप लोंगों से कल पढाये गए Topic में से कुछ सवाल पूछूँगा और आप लोग  एक एक करके उसका उत्तर देंगे” मैंने आगे बोला
अरे ये क्या हुआ अचानक कुछ चेहरों को छोड़कर बाकि सारे चेहरे से खुशी ऐसे गायब हो गई जैसे मैंने किसी नाटक मण्डली से Sad Situation पर Acting करने के लिए Action बोल दिया हो.
मुझे ये समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा की माजरा क्या है और ये कुछ चेहरे अचानक उदास क्यूँ हो गए.
अब बारी थी तो बस उनके विचार सुनने की, और मुझे इस बात की, कि आज कुछ नया क्या मिलेगा.
मैंने अपने सवाल एक एक करने के पूछने शुरू किये और मुझे कुछ एक से कुछ सही Answer और बाकी से वही Patent बहाने मिलने शुरू हो गए.
एक Common Problem जो मुझे हर ट्रेनिंग क्लास में मिलती है वो ये की
“सर मैंने याद तो किया था लेकिन भूल गया”
वाह हम लोग भी कितने अजीब है ना इस हररोज बदलते माहौल में आज भी वही बहाना Use कर रहे है जो बचपन से लेकर कॉलेज तक use किया, और हमारा अटूट विश्वास तो देखो की ये बहाना आज भी हमें बिलकुल नया सा लगता है.
मैंने आगे कोई सवाल पूछने का प्लान कैंसल कर दिया क्यूँ की मुझे इस बात का यकीं हो गया था की मुझे इस बैच से कोई नया बहाना नहीं मिलने वाला है.

अब मेरे लिए इस बैच का माहौल बदलना ही उचित था.
मैंने पूछा “आप में से कितने लोंगो ने शोले मूवी देखी है ?”
सारे हाथ एक साथ ऊपर हो गये,  “कितने महीने या साल पहले देखी थी” मेरा अगला सवाल था.
किसी ने १० साल १५ साल ५ साल २ साल बताया.
चलिए तो आज आप लोग मुझे एक एक करके शोले के Dialog मुझे बताएँगे. वाह, चेहरे एक बार फिर से खुश नजर आ रहे थे.
सभी ने मिलकर एक बार फिर से जय वीरू गब्बर सिंह, कालिया और बसंती को जैसे जिन्दा कर दिया हो.
अब बारी मेरी  थी “क्या अभी भी आपको लगता है की आप लोंगो की यादाश्त (Memory) कमजोर है?”
एकबार फिर से सभी चेहरे शांत हो गए थे जैसे की अचानक से किसी ने मेरी Training Class में आकर Mute Button दबा दिया हो.

मै यहाँ पर कोई MEMORY बढ़ाने के लिए SCIENTIFIC FORMULA नहीं देने जा रहा हूँ, मै तो ये जानने की कोशिश कर रहा हूँ की एसा क्यूँ होता है की पुरे साल अपनी किताबों को पढते पढते आँखे थक जाती हैं फिर भी 3 Hrs के EXAM में सब कुछ याद करने में पसीने छूट जाते हैं लेकिन 3 Hrs की मूवी में हर Dialog, सारे सीन, हीरो हिरोइन का DRESSING SENCE, HAIR STYLE सब कुछ याद हो जाता है ?
मुझे पूरा विश्वास है की आप लोंग भी इस बात से सहमत होंगे की ये LACK OF INTEREST की वजह से होता है, लेकिन सवाल तो ये है की हम वहाँ पर अपना INTEREST क्यूँ नहीं पैदा कर पाते हैं जो हमारे जीवन का अहम् हिस्सा होता है और जहाँ से हमारी सफलताएँ जुडी होती हैं ?         

2 comments:

  1. chicken & egg story, no ?? interest create karne se easier ye nahin hoga ki aadmi vahi kaam kare jismein use interest ho ???

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