Sunday, 30 July 2017



पिछले हफ्ते एक दोस्त के फेसबुक वाल पर देखा उसने अपनी टूटी हुई टांग की फोटो डालकर अपडेट किया था, मेट विथ एन एक्सीडेंट, महज कुछ ही घंटों में उसके ऊपर 200 से ज्यादा कमेंट्स और 400 लाइक्स आ गए थे. लिखने वालों ने गेट वेल सून की लाइन लगा दी थी, फूल भी भेजे थे स्माइली वाले, कुछ लोगों ने तो थोडा ज्यादा टाइप करने की जहमत भी उठा ली थी, भाई कैसे हुआ और कब हुआ , उम्मीद करता हूँ सब ठीक होगा, भगवान् से प्रार्थना है सब ठीक हो जायेगा | 
अच्छा लगा देखकर कि देश विदेश के हर कोने से शुभचिंतकों की लाइन लगी थी. हम खामख्वाह ही दोष देते फिरते हैं कि लोगों में मानवीय मूल्यों के प्रति गिरावट हो रही है, सोशल मिडिया के इस दौर में मुझ तो ये कतई नहीं लगता है कि ऐसा कुछ हो भी रहा है , बल्कि इसमें तो बढ़ोतरी हुई है, हाँ किसी बात में गिरावट होनी चाहिए तो मानवीय उम्मीदों में होनी चाहिए जो आज भी उसी उम्मीद में जी रहा है कि लोग आकर उससे मिलेगें, उसके सिरहाने बैठकर कंधे पर हाथ रखकर बोलेंगे कुछ नहीं हुआ तुम्हे, सब ठीक हो जायेगा, हम है न | 

खैर, मेरा अभिप्राय यहाँ फेसबुकी प्यार पर ऊँगली उठाना नहीं है, क्यूंकि देश के दुसरे छोर पर बैठा एक इन्सान गेट वेल सून ही लिख सकता है, जो उसने लिख दिया, सवाल तो इस बात का है ये बात हमें तब पता चली जब खुद उस बन्दे ने अपने एक्सीडेंट की बात को चार दिन बाद फेसबुक पर अपडेट किया जब उसकी उंगलियाँ इस लायक हो चुकी थी की एक सेल्फी लेकर कुछ टाइप कर सके. इसके बाद उन लोगों को भी इसका तभी पता चला जो महज कुछ कदम पर ही रहते हैं, उन दोस्तों को भी तभी पता चला जो बचपन के सारे खेल, साजिश, मस्ती में एक रहे हैं, जो आज भी अपने आपको चड्ढी बड्डी यार बोलते हैं
मुझे याद है कि गाँव में जब फोन महज गिने चुने लोगों के पास होते थे, या होते ही नहीं थे तो भी सिस्टम इतना तेज था कि किसी के बीमार होते ही गाँव के हर कोने तक इसकी खबर लग जाती थी, रिश्तेदारों को पता नही कैसे पता चल जाता था, गाँव के खानदानी दुश्मन भी दरवाजे पर देखे जाते थे, शायद उनको भी समझ में आता था कि दुश्मनी धर्म निभाने के लिए दुश्मन का जिन्दा रहना जरुरी है इसलिए अभी तो मेरा दुश्मन दुवाओं का हक़दार है|

शोशल मिडिया आज सबसे बड़ा बाजार है, भारत पाकिस्तान के मैच में जब पूरी गलियां सुनसान होती हैं, रेडी वाले एक ग्राहक को तरसते हैं उस समय भी हम लोग सोशल में मिडिया में दौरे लगाते रहते हैं, लेकिन ये बात अब समझ में नहीं आती  है कि पडोसी को अपने पडोसी के बीमार होने, मरने की खबर की जिम्मेदारी शोशल मिडिया ने अचानक कब उठा ली

हम जहाँ सोशल मिडिया में इस बात की रेस लगा रहे हैं की ज्यादा से ज्यादा लोग हमारी फ्रेंड लिस्ट में हों, वहीँ आज वो लिस्ट कबकी ख़तम हो गई जो कभी बिना सोशल मिडिया के बिना बनी थी, शायद आज हम सोशल होते हुए भी ज्यादा अनशोशल हो चुके हैं | इस वर्चुअल दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी ये है कि इसने हमें कुछ इस तरह मशीनी बना दिया है कि हमें पडोसी के घर से बदबू आने के बाद पता चलता है की ये कोई सड़े खाने की बदबू नहीं बल्कि उसी शख्स की है जिसके साथ सालों पहले कभी होली दिवाली खेली थी और आजकल कभी कभी सब्जियों की सन्डे मार्किट में किसी दुकान पर टकरा जाते थे, इसे त्रासदी नहीं 
तो और क्या कहेंगे जब इस तरह की ख़बरों को हम तक पहुचाने की जिम्मेदारी भी फेसबुक और व्हाट्सएप ने ले ली है| 

आजकल हर परिवार सुबह से शाम तक मिलता है, बातें करता है, तस्वीरें शेयर करता है, जन्मदिन से लेकर हर त्यौहार के शुभकामनाएं भेजता है लेकिन कहाँ, व्हाट्सएप के फेमिली ग्रुप में | कमाल की बात तो ये है कि कई बार रियल लाइफ में लोग इसलिए नाराज़ हो जाते हैं क्योंकि आभासी दुनिया में उनके करीबियों ने उनकी तस्वीरें लाइक नही की मतलब लोग करीब तो हैं लेकिन ये करीबी कितनी दिखावटी है हम सब बखूबी जानते हैं और जैसे तैसे स्माइली भेजकर अपना स्माइल वाला धर्म निभा रहे हैं | 

दिखावेपन का बुखार कुछ इस तरह का है की पत्नी को पति के साथ पुरे दिन रहने के बाद भी शादी की सालगिरह मुबारकबाद वाली फिलिग़ तब तक नही आती है जबतक उसका पति एक लम्बा पोस्ट फेसबुक पर करते हुए ये न लिख दे की “हैप्पी एन्नीवर्सरी बेबी”
खैर रिश्ते बनाने और चलाने के तौर तरीके आज भी वही है जो शोशल मिडिया से पहले होते थे, हम इन्सान को लाइक्स पसंद आते हैं लेकिन ये ज्यादा पसंद आता है की मेरे पास अगर फेसबुक अकाउंट नहीं है तो भी लोग मुझे पसंद करते रहें, मिलने आते रहें, गेट वेल सून बोलते रहें, मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोल दें कि सब ठीक हो जायेगा |
चलते चलते इस बात पर भी गौर कर लिया जाए की पॉकेट से स्मार्ट फोन और उसमें इन्टरनेट के गायब होते ही हम कितने अकेले हैं इसका एहसास बना रहे तो जिंदगी सच में सोशल बनी रहेगी |

6 comments:

Followers

The Trainers Camp

www.skillingyou.com

Join Us on Facebook

Popular Posts