आपके बिना दो साल हो गए आज!
आपके न होने का ग़म हर दिन रहा है, मुझे लगता हैकि हमारी जिंदगी में माँ जब तक होती है वो टाइम मशीन की तरह होती है, जब तक जिंदा है, आप उसके साथ अपने बचपन में कभी भी जा सकते हैं, उसके पास वो जादुई ताकत होती है जो समय को ठहराना जानती है, उसके हाथों में एहसास का वो असर होता है जिसके संपर्क में आकर आप ना चाहकर भी बच्चा बन जाते हैं ।
मैंने दुनिया में माँ से बेहतर कोई स्टोरी टेलर नही देखा, लोग जब कहानियां कहते हैं, तो ढेरों तैयारियां करते हैं, लेकिन एक बार माँ को अपने बचपन की कहानियों में ले जाकर देखिये, कुछ वाकया छेड़ कर देखिये, देखिये, फिर कैसे वो आपको आपको बचपन में ले जाती है, आपके तोतली भाषा से लेकर, आपके चलने, गिरने, और उठने और गोद में उठाने तक को ऐसी बताती है कि सब जिंदा हो जाता है, और आप तो बस कहानी सुनिए और उनके चेहरे पर उस ख़ुशी को पढ़िए, आखों में चलती हुई अपने अतीत की फ़िल्म देखिये, दुनिया में किसी भी बेहतर कहानी और फ़िल्म के आगे वो कहानी ज्यादा खूबसूरत लगेगी आपको, क्यूंकि इस एपिसोड को माँ के बिना दुनिया में कोई दुसरा इन्सान नहीं बता सकता है, और उसके जाने के बाद ही वो आपके बचपन वाली किताब बंद हो जाती है, फिर नहीं खुलती क्यूंकि उसके बाद तो बस जन्मदिन, कुंडली और राशिफल ही बचते हैं बचपन नहीं बचता |
इस पोस्ट को लिखने का बस इतना सा मतलब हैकि माँ हर स्तिथि में बस प्यार और प्यार देने के लायक होती है, अपने आस पास देखिये, थोड़ा टाइम निकालिये, रिश्तों को सींचिये, अगर माँ है तो उसके पास बैठिये अपने बचपन की कहानियों को सुनिए, क्यूंकि उसके बाद आप बचपन की फोटो को किसी DP में लगाकर देख और दिखा तो सकते हैं, लेकिन उस तस्वीर में जान डालने वाली एकलौती इन्सान, केवल माँ ही होती है |
माँ कभी अकेले नहीं जाती, बहुत कुछ ले जाती है साथ, हाँ उसकी दुवायें आसपास ही रहती हैं लेकिन, बच्चे का मन केवल दुवाओं से तो नहीं भरता ना!
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