Sunday 22 July 2012


मै हर रोज की तरह जैसे ही अपने  Office के सामने अपनी Bike से उतरा, अपने पीछे पुलिस वाले को रुकता देखकर चौंक गया, उसकी आँखें साफ़ साफ़ कह रही थी कि वो मुझसे कुछ कहना चाहता है,
“अपना Driving Lience दिखाओ” उसने अपना हेलमेट उतारते हुए कहा.
मै समझ गया था कि ये सफ़ेद वर्दी वाला इंसान मुझसे मेरा Driving Lience क्यूँ मांग रहा है.
मैंने अपने पर्स में से चुपचाप Driving Lience निकाल कर उसके हाथों में पकड़ा दिया साथ ही ये भी देख लिया कि मेरे पर्स में कितने पैसे है खास करके 50 या 100  के नोट, क्यूंकि अगर मामला Settlement पर आया तो बड़े नोट से नुकशान हो सकता है.
“गाड़ी की RC  दिखाइए” ये पुलिस वाले का दूसरा Dialog था.
मैंने पहले कि तरह ही RC चुपचाप उसके हाथों में दे दी.
आपको अपनी आखों से Green Light या Red Light नहीं दिखती है क्या? वो पुलिसिया अंदाज में Main मुद्दे पर आते हुए बोला.(शायद उसको मेरे Documents  में कुछ खास नहीं मिल पाया था)  
लेकिन मै तो हर  Red Light पर रुकता हूँ और Green Light  होने पर ही चलता हूँ, मैंने अपनी सफाई पेश कर दी थी.
हालांकि मै जानता था कि उस दिन ऑफिस में मीटिंग के चक्कर में मैंने कितनी रेड लाइट तोड़ी थी. “मै धौलाकुंआ से तुम्हारी Bike का पीछा करते हुए आ रहा हूँ और तुम किसी भी Red Light पर नहीं रुके हो” सफ़ेद वर्दी वाला अब कुछ भी और सुनने के मूड में नहीं था,
मेरे पास भी नहीं उस वक्त इतना टाइम नहीं था क्यूँ कि मीटिंग Already Start हो चुकी थी, Finally मैंने Surrender कर दिया और थोड़ी बहुत Bargaining के बाद मामला Rs 200 में तय हो गया.
हम इंसान भी कितने अजीब होते हैं, उस दिन शाम को घर जाते वक्त मैंने ना सिर्फ Red Light बल्कि Yellow Line का भी भरपूर ख्याल रखा था, पता नहीं वो Rs 200 का कमाल था या मै सचमुच सुधर गया था.
आज उस incident को करीब 5 year हो चुके हैं और उस कहानी का एक Important Page (Learning)अब मुझे समझ में आया है.
जरा सोचिये जिस Traffic Police के ऊपर Traffic Rules को बचाने कि जिम्मेदारी होती है उसको मुझे ये Rules समझाने के लिए खुद पहले उसे तोडना पड़ा. तब जाकर मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ.
ऐसे ही न जाने कितने Rules हमारी जिंदगी में हमारे परिवार और समाज के द्वारा थोपे जाते हैं, जिनमे हमे कई बार कोई दिलचस्पी नहीं होती है, लेकिन करना पड़ता है और Result होता है असफलता.
आप किसी भी Successful Person  के बारे में पढ़ कर देखिये उसने कही न कही कुछ Rules(जो उसके परिवार या समाज वाले नहीं चाहते थे) जरुर तोड़े है और वही किया है जहाँ पर उनकी दिलचस्पी रही है चाहे वो कोई Business Man, Social Worker, Leader या Service Man रहा है. हमारे जीवन में अगर कई बार कुछ अच्छा पाने के लिए या किसी की जिंदगी सवारने के लिए कुछ नियम तोड़ने भी पड़े तो कोई बात नहीं, क्यों कि सफलता के रास्ते इतने आसान कहाँ होते है? आखिर हम तो बचपन से अपने माता पिता से यही सुनते आ रहे हैं कि "हमें तुम्हे डाटने या मारने का कोई शौक नहीं है बल्कि हम तो इसलिए करते हैं कि तुम एक अच्छे इंसान बन पाओ".

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