Saturday 11 May 2019


आपके जाने के बाद बहुत बार लिखने का मन किया आपके बारे में, लेकिन हर बार उलझ जाता हूँकि कौन सा इंसिडेंट लिखूं, किसको छोडूं, जितनी बार भी लिखने बैठा, मन में इतनी बातें उठने लगती हैंकि उन्ही में खो जाता हूँ, और फिर शब्दों से दूर हटकर बैठ जाता हूँ, सोचता हूँ, महसूस करता हूँ, कुछ नाराजगी दिखाता हूँ, कुछ मुस्कराता हूँ और आखिर में ना चाहते हुए भी थोड़ा रोकर सिमटकर सो जाता हूँ, जब से होश आया तो आपको अक्सर दवाइयों के साथ पाया, आप बहुत बार बीमार हुए, हमारे लिए, रिश्तेदारों के लिए, गाँव और मुहल्ले वालों के लिए, लेकिन ये बात कभी आपने हमें नही जाहिर होने दी कि आप बीमार हैं, हमने तो कई बार बता दिया और जता भी दिया, लेकिन ये बात आपने क्यों नही जाहिर होने दी कि आप भी बीमार हैं जब हमें आपकी जरूरत थी, हमेशा वो सब करते रहे जो एक माँ करती है, ये हुनर कहाँ से लाये थे आप, बीमार होकर भी बीमार न होना।
आपको पता है, जब उस दिन आप बेड पर कई दिनों से पड़े थे, आपका वजन 75 किलो से 35 का हो गया था, बॉडी में एक लंबी ड्रेन पड़ी थी महीनों से, और मैं दोपहर में अचानक ऑफिस से घर आ गया था, लंच करने लगा था, शायद आपने पापा को बोला था कि मुझे दही दे दें फ्रिज से निकाल कर, लेकिन आपकी कमजोर आवाज़ दब गई थी दूसरे कमरे में पंखों के शोर के बीच, आपको पता था कि दही मेरी फेवरेट है, और मुझे पता नही थी कि घर मे है अभी, तो आप खुद उठकर ले आये थे और मैं चाहकर भी आपको मना नही कर पाया था, मुझे आपका उठना और खुद चलना अच्छा लगा था, लेकिन बहुत दुख हुआ था उस दिन, कैसे कर लेते थे आप वो सब, कीमो के दर्द से पूरे दिन रह गए थे और मुझे रात के 11 बजे तक नही बताया कि आप दर्द में हैं बस इसलिए कि मैं एक खास में मीटिंग में जा रहा हूँ ये बोलकर गया था, आपको पता है उस दिन मुझे खास शब्द पर बहुत गुस्सा आया था।
मदर्स डे का तो नही पता, कि मैं कभी मना भी पाया जिंदगी में, लेकिन आपने बच्चों का डे ताउम्र बहुत ही मुकम्मल तरीके से मनाया।
ढेर सारी बातें करनी है आपसे, लेकिन शर्त बस ये हैकि आपकी गोद में सोकर करनी है।

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